परमेश्वर मन्दिर तथा मुक्तेश्वर मन्दिर की स्थापना 970 ई. के | मंदिर • Temple
परमेश्वर मन्दिर तथा मुक्तेश्वर मन्दिर की स्थापना 970 ई. के आसपास हुई थी। परमेश्वर मन्दिर अभी सुरक्षित अवस्था में है। यह मन्दिर इस क्षेत्र के पुराने मन्दिरों में सबसे आकर्षक है। इसमें आकर्षक चित्रकारी भी की गई है। एक चित्र में एक नर्त्तकी और एक संगीतज्ञ को बहुत अच्छे ढंग से दर्शाया गया है। इस मन्दिर के गर्भगृह में एक शिवलिंग है। यह शिवलिंग अपने बाद के लिंगराज मन्दिर के शिवलिंग की अपेक्षा ज्यादा चमकीला है।
मुक्तेश्वर मन्दिर में नागर शैली और कलिंग वास्तुकला का अद्भूत मेल देखा जा सकता है। मुक्तेश्वर मन्दिर में नक़्क़ाशी का बेहतरीन काम किया गया है। इस मन्दिर में की गई चित्रकारी काफी अच्छी अवस्था में है। एक चित्र में कृशकाय साधुओं तथा दौड़ते बंदरों के समूह को दर्शाया गया है। एक अन्य चित्र में पंचतंत्र की कहानी को दर्शाया गया है। इस मन्दिर के दरवाज़े आर्क शैली में बने हुए हैं। इस मन्दिर के खंभे पर भी नक़्क़ाशी की गई है। इस मन्दिर का तोरण मगरमच्छ के सिर जैसे आकार का बना हुआ है। इस मन्दिर के दायीं तरफ एक छोटा सा कुआं है इसे मरीची कुंड के नाम से भी जाना