2022-02-28 04:30:03
हिंदी व्याकरण ~ पर्यायवाची शब्द
बिजली- घनप्रिया, इन्द्र्वज्र, चंचला, सौदामनी, चपला, दामिनी, ताडित, विद्युत।
भूषण- आभूषण, गहना, अलंकार, ज़ेवर।
मनुष्य- मानव, आदमी, नर, मनुज, मानुष।
मदिरा- मधु, शराब, हाला, मद, आसव।
मोर- कलापी, नीलकंठ, केक, नर्तकप्रिय।
मधु- रसा, शहद, कुसुमासव।
मृग- सारंग, हिरण, कृष्णसार।
मछली- मत्स्य, मकर, मीन, जलजीवन, शफरी ।
माता- माँ, धात्री, जननी, अम्मा, अंबा, जनयत्री।
मित्र- दोस्त, साथी, सखा, सहचर।
रात- रजनी, रात्रि, निशा, रैन, निशि, यामिनी, तमी, यामा, विभावरी।
राजा- नरेश, नृप, नृपति, भूप, भूपाल, भूपति, नरपति, नृप, महीपति, अवनीपति।
लक्ष्मी- श्री, रमा, कमला, पद्मा, हरिप्रिया, इंदिरा।
विष- गरल, ज़हर, कालकूट, हलाहल।
वृक्ष- तरू, पादप, विटप, गाछ, शाखी, विटप, पेड़, द्रुम, दरख़्त।
विष्णु- नारायण, , चक्रपाणी दामोदर, पीताम्बर।
शिव- महादेव, नीलकंठ, शंकर, भोलेनाथ, शम्भू, त्रिलोचन।
शरीर- काया, देह, तनु, कलेवर, गात।
शत्रु- अरि, दुश्मन, अमित्र, वैरी, विपक्षी, रिपु, अराति।
शिक्षक- अध्यापक, गुरु, आचार्य, उपाध्याय।
साँप- सर्प, भुजंग, ब्याल, नाग, विषधर, पवनासन, उरग, अहि।
सूर्य- सूरज, भास्कर,दिनकर, प्रभाकर, आदित्य, दिनेश, रवि, दिवाकर।
संसार- विश्व, जगत, लोक, दुनिया, जग।
सोना- कनक, कंचन, हेम, कुंदन, स्वर्ण।
सिंह- शेर, महावीर, शार्दूल, नाहर, हरि, वनराज, मृगपति, सारंग, केसरी, मृगराज।
समुद्र- सागर, सिंधु, रत्नाकर, पयोधि, उदधि, पारावार, नदीश, जलधि, वारिधि।
समूह- दल, वृंद, झुंड, गण, पुंज।
स्त्री- अबला, औरत, नारी, महिला, कामिनी, ललना, रमणी।
सुगंधि- महक, ख़ुशबू, सौरभ, सुरभि।
स्वर्ग- देवलोक, सुरलोक, परमधाम, त्रिदिव, दयुलोक।
हिमालय- गिरिराज, हिमगिरी, पर्वतराज, हिमाचल, नगेश।
हृदय- वक्ष, हिय, उर, वक्षस्थल, छाती, दिल।
हाथ- हस्त, कर, पाणि।
हाथी- गज, कुंजर, हस्ती, करी, राज, कूम्भा, मतंग, वारण, द्विप, मदकल।
हाथी- देवेन्द्र, सुरपति, देवराज, सुरेश, सुरेन्द्र, शक्र, पुरंदर ।
इच्छा- चाह, कामना, अभिलाषा, आकांक्षा, लालसा, मनोरथ, अभिप्राय, अभीष्ट।
ईश्वर- भगवान, प्रभु, परमेश्वर, परमात्मा, विधाता, ईश, जगदीश, जगदीश्वर।
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