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पहली नौकरी पहली नौकरी हमेशा खास होती है उस नौकरी में महज 3 ज़ी | POLYTECHNIC BTEUP E- BOOKS 👨‍💻👨‍💻

पहली नौकरी

पहली नौकरी हमेशा खास होती है उस नौकरी में महज 3 ज़ीरो नहीं होते हैं उस दो तीन ज़ीरो के पीछे एक कहानी छुपी होती है एक उम्मीद, बाप का घमंड माई का अभिमान, बहन की आशा, और साला मिडिल क्लास लौंडे का आत्मविश्वास। पहली नौकरी जिंदगी भर के लिए नौकर बनने से पहले चंद दिनों के मालिक बनने की कहानी होती हैं

अपनी पहली नौकरी भी कुछ ऐसी ही थी 7300 की वह नौकरी हमेशा याद रहेगी, पीएफ रूम रेंट पानी का बिल गैस का बिल खाने के खर्चे के बाद जो वो एक दो या कभी कभी तो तीन से चार हजार बचाने का वो जुनून था ना, साला आज बैंक में ५ ज़ीरो भरने के बाद भी नहीं है,

शायद उस समय कुछ जरूरत नहीं थी, या कभी कभी लगता है कि शायद कुछ जरूरते थी, लेकिन बहुत कम हुआ करती थी, उस समय हम सपने देखते थे उस समय रात को नींद भी अच्छी आती थी सुबह हनुमान जी का आरती करके ही नौकरी पर जाते थे खैर गलती से कभी ही सही जब कभी गेटकीपर हमें गुड मॉर्निंग इंजीनियर साहब कह देता था माई कसम जात्रा बन जाता था बे,

खैर छोड़ो तुम नहीं समझोगे बे, हमने तो साला 4 साल ब यह सपना देखते हुए मन लगाकर पढ़ाई किया था कि हमारे दूर की फूफा जी के ममरे भाई का लड़का जो दुबई में इंजिनियर है ना, वो 400000 रुपए महीना कमाता है, जानते थे कि साला हमको चार लाख तो कभी मिल नहीं सकता है लेकिन 40000 की नौकरी तो आराम से मिल जाएगी इंजीनियरिंग पास आउट किया 24 कंपनी में 15 _20 हजार के नौकरी भी लगी लेकिन ससुरा बीच में ego आ गया और बिना पैसा लिए नौकरी छोड़ दिया यहां तक की सैलरी भी नहीं उठाई

लेकिन जब बाबूजी ने पैसा देना बंद कर दिया तब समझ में आया कि साला आटा तो ₹ 12 किलो मिलता है बे, और चावल ₹27 किलो है, जब तक बाबूजी के पैसा पर पल रहे थे तब तक मात्र सब्जी का रेट ही पता था काहे की ₹30 का सब्जी लाने में ₹5 तो हमें चुरा लिया करते थे, और हमारी मई को लगता था कि महंगाई बढ़ गई है,
@BTEUPUPDATE
खैर 7300 की नौकरी में सब का रेट याद करवा दिया दोस्त, साला पहली बार इंजीनियर बन कर पता चला की इंजीनियर इंजीनियरिंग को छोड़कर बाकी सब कुछ कर सकता है खैर यह तो अपनी पहली नौकरी थी जिसमें अपने को सैलरी मिल रही थी लेकिन चिंता मत करो दुनिया वालों से कहने के लिए हमारे पास बहाना था हमारे पास बहुत बहाना था जैसे कि "अरे हमें इससे अच्छी नौकरी मिल जाएगी लेकिन हम अभी अनुभव ले रहे हैं हम तो बस एक्सपीरियंस के लिए काम कर रहे हैं". एक्सपीरियंस है ना हम इंजीनियर का सौतन है, हम जिंदगी • ससुरा ये जो भर एक्सपीरियंस लेते रहते हैं जिंदगी भर कंपनी वाले हमारी लेते रहते है

खैर पहली नौकरी साला किसी इश्क से कम नहीं होती हम रोज रांझणा के कुंदन की तरह नहा धोकर तैयार होकर ऑफिस जाया करते थे और ऑफिस वाले हमें जोया के घर वालों की तरह गैस का सिलेंडर हमारे हाथ में रखकर हमसे पूरे घर का काम करवाया करते थे हम फिर भी साला खुश थे कि एक न एक दिन तो जोया मतलब हमारी नौकरी हमको समझेगी फिर एक दिन जोया को जगजीत मिल गया और हमारी कंपनी वालों को हम से बेहतर इंसान, खैर हमारी पहली नौकरी छूट गई और निकल गए अपनी दूसरी नौकरी को पहली बनाने के लिए ठीक वैसे ही जैसे कि कुंदन निकला था दिल्ली,. . दिल्ली वाली दूसरी जोया को अपनी बनारस वाली जोया बनाने के लिए

अंत में कुंदन भी मरा था अंत में हम भी मरेंगे देखते हैं यह नौकरी वाली मोहब्बत कब तक रहती है
~ यश

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