*_"मित्रता" कोई "स्वार्थ" नहीं,_* *_बल्कि एक "विश्वास" है.._* *जहाँ "सुख" में* *हंसी मज़ाक से लेकर* *संकट में साथ देने की* *"जिम्मेदारी"* *भी होती है..* *जीवन का एक ही विधान है* *ज़िंदगी मे ही समस्या है* *और* *ज़िंदगी मे ही समाधान है!* शुभ प्रभात 828 views04:40