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लोकसभा संविधान के अनुच्छेद 81 के तहत लोकसभा का गठन पांच वर्ष | IAS Polity Quiz™🎓

लोकसभा

संविधान के अनुच्छेद 81 के तहत लोकसभा का गठन पांच वर्ष के लिए होता है।

यह भारतीय संसद का निम्न सदन होता है।

लोकसभा में जनता द्वारा प्रत्यक्ष रूप से चुने गए प्रतिनिधि भाग लेते हैं।

लोकसभा के सदस्यों की अधिकतम संख्या 552 हो सकती है, वर्तमान में लोकसभा के सदस्यों की संख्या 545 है।

543 सदस्य विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों जनता द्वारा प्रत्यक्ष रूप से गुप्त मतदान प्रक्रिया के माध्यम से चुने जाते हैं।

आंग्ल भारतीय समुदाय के दो सदस्यों को राष्ट्रपति लोकसभा के लिए मनोनीत कर सकता है यदि उनके मत में उन्हें पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं मिला हो।

लोकसभा सदस्य के लिए योग्यताएं
वह भारत का नागरिक हो।

उसकी आयु 25 वर्ष से कम न हो।
वह भारत या राज्य सरकार के अधीन लाभ के पद पर न हो।

वह पागल या दिवालिया न हो।

कार्यकाल
लोकसभा का कार्यकाल 5 वर्ष है किंतु​ प्रधानमंत्री के परामर्श पर राष्ट्रपति इसे समय से पहले ही भंग कर सकता है।

पदाधिकारी लोकसभा की शक्तियां एवं कार्य
राज्यसभा तथा राष्ट्रपति के साथ मिलकर लोकसभा कानून बनाती है।
लोकसभा बजट पारित करती है।
कोई विधेयक धन विधेयक है या नहीं इसका फैसला लोकसभा अध्यक्ष करता है।
लोकसभा राज्यसभा के साथ मिलकर संविधान में संशोधन करती है।
लोकसभा सदस्यों के माध्यम से मंत्रियों पर नियंत्रण रख कर उन्हें उनके दायित्वों के प्रति सतर्क बनाए रखती है। मंत्रिपरिषद् सामूहिक रूप से लोकसभा के प्रति उत्तरदायी रहती। किसी एक मंत्री के खिलाफ अविश्वास का मतलब पूरे प्रत्येक मंत्री सामूहिक रूप से लोकसभा के प्रति उत्तरदायी होता है; किंतु वह प्रधानमंत्री के प्रति व्यक्तिगत रूप से उत्तरदायी होता है।

लोकसभा राज्यसभा तथा विधानसभाओं के साथ मिलकर राष्ट्रपति का चुनाव करती है। जबकि उपराष्ट्रपति के निर्वाचन में राज्य विधानसभाएं भाग नहीं ले सकतीं।

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