मेरी खातिर तेरा रोटी पकाना याद आता है,
अपने हाथो को चूल्हे में जलाना याद आता है।
वो डांट-डांट कर खाना खिलाना याद आता है,
मेरे वास्ते तेरा पैसा बचाना याद आता है।
कही हो जाये ना घर की मुसीबत लाल को मालूम,
छुपा कर तकलीफें तेरा मुस्कुराना याद आता है।
जब आये थे तुझे हम छोड़ कर परदेश मेरी माँ,
मुझे वो तेरा बहुत आंसू बहाना याद आता है।है।