2022-02-20 02:45:07
ख्याल तेरा आते ही,
मेरे चेहरे पर नूर सा आ जाता।।
तू "माँ" हैं ना तुझे देख कर,
मेरे जीवन में सकूँ सा आ जाता।।
क्या व्यक्त करुँ "माँ" के बारे में
कि दूर ऊपर से देख रही थी,
हाल चाल मेरा पूछ रही थी।।
रख मेरे सिर पर हाथ
मेरे गालों को सहला रही थी।।
पूछ रही थी बड़ा कमजोर हो गया,
क्यूँ नहीं रखता अपना खयाल।।
मैने कहा माँ जब तक तू थी तू रखती थीं मेरा ख्याल,
अब कौन रखे मेरा ख्याल।।
जब भी तू मेरे ख्यालो मे आती,
मेरे चेहरे पर एक मुस्कान सी आ जाती ।।
हर पल हर दिन यही खयाल आता,
कि काश तू फिर आ जाती मेरा ख्याल रखने के लिए,
इस मतलबी दुनिया से मुझे बचाने के लिए।।
मैं रात को इस खयाल के साथ सोता,
कि तू मुझे फिर प्यारी सी लोरी सुनाती और,
मैं तेरी गोदी सिर रख कर सुकूं से सो जाता ।।
कि भौर होती तू मेरे सिर पर हाथ फेरती,
और मुझे जगाने का एक प्यारा सा प्रयास करती।।
अगर मैं नहीं उठता तो तू मुझे एक प्यारा सा थप्पड़ मारती,
पर आँखे खुलते ही वो ख्याल भी काफूर होजाता,
और मैं जिंदगी की जद्दोजहद मे फिर फँस जाता।।
काश वो तेरा ख्याल कभी मेरी आँखों से ओझल ना होता,
ना खुली आँखों मे, ना बंद आँखों मे।।
एक प्यारा सा ख्याल मेरी नन्ही कलम
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