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राजस्थान का इतिहास के अति महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर | Onlygkzone

राजस्थान का इतिहास के अति महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर


प्रश्न 1 औरंगजेब ने किस बीकानेरी शासक को दक्षिण भारत अभियान के समय उसकी वीरता से प्रभावित होकर 3000 का मनसब के साथ -साथ 'माही भरातिव' की उपाधि प्रदान की ?

उत्तर - अनूपसिंह

व्याख्या - अनूपसिंह जंगलधर बादशाह कर्णसिंह का उत्तराधिकारी था ।
अनूपसिंह (1669-1698ई.) ने अपने शासनकाल में मुगल सम्राट औरंगजेब की महनीय सेवा विशेषकर दक्षिण भारत अभियानों में की ।
अनूपसिंह को 1677-78 में औरंगजेब ने औरंगाबाद का शासक नियुक्ति किया ,जहाँ पर उन्होंने शिवाजी के साथ मुकाबला किया ।
अनूपसिंह शासक होने के साथ -साथ विधानुरागी राजा भी था, उसने अनूप विवेक,काम प्रबोध,अनूपोदय,एवं श्राद्ध प्रयोग चितांमणि नामक संस्कृत ग्रंथ लिखे ।
अनूपसिंह ने राणा कुम्भा के संगीत ग्रन्थों का पूरा संग्रह भी एकत्र करवाया ।
दक्षिण में रहते हुए अनूपसिंह ने अनेक मूर्तियों का संग्रह किया जो आज भी तैतीस करोड़ देवताओं के मन्दिर में सुरक्षित है ।

प्रश्न 2 "बादशाह सलामत खुद आ पहुँचे है " - इस वाक्य ने किस युद्ध में लगभग हारती हुई सेना को विजयी सेना के रूप में परिवर्तित कर दिया ?

उत्तर - हल्दीघाटी का युद्ध

व्याख्या - इस युद्ध में शुरूआती पलड़ा राजपूतों का भारी रहा लेकिन सैय्यदों के पराक्रम एवं मिहतर खाँ के यह चिल्लाने पर कि "बादशाह सलामत स्वयं आ पहुँचे है" ने मुगलों सैनिकों में जोश भर दिया और युद्ध की बाजी मुगलों के पक्ष में हो गई ।
कहा जाता है कि इस युद्ध में सैनिक हार तो राणा प्रताप की हुई लेकिन नैतिक पराजय अकबर की हुई , क्योंकि अकबर का मुख्य उदेश्य राणा प्रताप को जिंदा या मुर्दा पकड़ना था जो पूर्ण नहीं हो पाया ।

प्रश्न 3 किस ख्यात से पता चलता है कि तथाकथित 'जोधाबाई' उदयसिंह की दत्तक बहिन थी , जिसका विवाह सलीम (जहाँगीर ) से किया गया जबकि अन्य स्त्रोतों में 'जोधाबाई ' को उदयसिंह की पुत्री बताया गया है ?

उत्तर - मुण्डीयार की ख्यात

व्याख्या - मुण्डीयार की ख्यात को राठौड़ों की ख्यात भी कहा जाता है , क्योंकि इसमें राव सिंहा से लेकर महाराजा जसवंतसिंह की मृत्यु तक का विवरण दिया गया है ।
इस ख्यात में मारवाड़ के प्रत्येक राजा का जन्म, राज्याभिषेक और स्वर्गवास की भी तिथि दी गई है ।
सम्भवत यह रचना जसवंतसिंह के काल में लिखी गई, हालाँकि ख्यात के लेखक एवं रचनाकाल के बारे में कुछ भी कहना निश्चित नहीं है ।
इस ख्यात में समय- समय पर मुगल शासकों को ब्याही गई मारवाड़ की राजकुमारियों का भी उल्लेख है !

प्रश्न 4 "बीसलदेव उन हिन्दू शासकों में से एक था , जो कालीदास एवं भवभूति से होड़ कर सकता था "
यह वाक्य चौहान शासक बीसलदेव (विग्रहराज चतुर्थ) के लिए किसने कहाँ?

उत्तर - किलहोर्न

व्याख्या - बीसलदेव का शासनकाल 'चौहोनों का स्वर्णयुग' कहा जाता है ।
बीसलदेव ने स्वयं हरिकेलि नामक नाटक लिखा और कवि बाँधव नामक उपाधि प्राप्त की ।
बीसलदेव के दरबारी कवि 'सोमदेव' ने ललित विग्रहराज नामक नाटक लिखा ।
बीसलदेव ने अजमेर में बीसलसागर बाँध एवं संस्कृत विधालय का निर्माण करवाया ,
इस विधालय की दीवारों पर हरिकेलि व ललित विग्रहराज नाटकों को उत्कीर्ण करवाया
हालाँकि कालान्तर में कुतुबुद्दीन ऐबक ने इस संस्कृत विधालय को तोड़कर 'अढाई दिन के झोंपड़े' का निर्माण करवाया गया ।

प्रश्न 5 मेवाड़ के उद्धारक एवं अन्नपूर्णा मंदिर का निर्माण करवानें वाले 'हम्मीर ' ने किस स्थान को केन्द्र बनाकर चितौड़ में सिसोदिया वंश की नींव डाली ?

उत्तर - केलवाड़ा

व्याख्या - हम्मीर ने 1326ई. अरावली की पहाड़ियों में स्थित केलवाड़ा को केन्द्र बनाकर मेहता मौजीराम की सहायता से चितौड़ को जीता ।