*उत्तराखंड का ‘चार धाम अधिनियम’* *संदर्भ* : हाल ही में, उत् | Naukari Wallah- MP
*उत्तराखंड का ‘चार धाम अधिनियम’*
*संदर्भ* :
हाल ही में, उत्तराखंड सरकार द्वारा ‘चार धाम देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम’ (Char Dham Devasthanam Management Act) को वापस लेने की घोषणा की गयी है। इस निर्णय के पश्चात्, उत्तराखंड चार धाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड को समाप्त कर दिया जाएगा। इस अधिनियम का उत्तराखंड के चार मंदिरों और विश्व हिंदू परिषद (VHP) के पुजारियों और अन्य हितधारकों के विरोध किया जा रहा है।
*परियोजना के बारे में पर्यावरण संबंधी चिंताएँ:*
इस परियोजना की वजह से 55,000 पेड़ों सहित लगभग 690 हेक्टेयर वन भूमि के नष्ट होने का संकट उत्पन्न हो सकता है और लगभग 20 मिलियन क्यूबिक मीटर मिट्टी खोदे जाने का अनुमान है।
सड़कों को चौड़ा करने हेतु पेड़ों की निर्मम कटाई या वनस्पति को उखाड़ना, जैव विविधता और क्षेत्रीय पारिस्थितिकी के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
*‘चारधाम परियोजना’ के बारे में* :
‘चारधाम परियोजना’ (Chardham Project) में 889 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्गों का विकास और सुधार किया जाना सम्मिलित है।
इस परियोजना के द्वारा बद्रीनाथ धाम, केदारनाथ धाम, गंगोत्री, यमुनोत्री और कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए जाने वाले मार्ग को जोड़ा जाएगा।
*राष्ट्रीय सुरक्षा में भूमिका* :
यह परियोजना, भारत-चीन सीमा को देहरादून और मेरठ में सेना के शिविरों से जोड़ने वाली सामरिक फीडर सड़क मार्गों के रूप में कार्य कर सकती है जो जोड़ती है। इन स्थानों पर भारतीय सेना का मिसाइल बेस है और भारी मशीनरी तैनात रहती है।
परियोजना पर सुप्रीम कोर्ट के विचार:
सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर 2020 में, भारत-चीन सीमा की ओर जाने वाली ‘चारधाम परियोजना’ (CharDham Project – CDP) सड़कों का विस्तार करने संबंधी अनुरोध के संदर्भ में, पर्यावरणीय मुद्दों और राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं को संतुलित करने की आवश्यकता की बात कही थी। insights