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​​ 30 मार्च - राजस्थान स्थापना दिवस : 𝚁𝙰𝙹𝙰𝚂𝚃𝙷𝙰𝙽 𝙵𝙾𝚄𝙽𝙳𝙰𝚃𝙸𝙾𝙽 𝙳𝙰𝚈 | Rajasthan Police Exams

​​ 30 मार्च - राजस्थान स्थापना दिवस : 𝚁𝙰𝙹𝙰𝚂𝚃𝙷𝙰𝙽 𝙵𝙾𝚄𝙽𝙳𝙰𝚃𝙸𝙾𝙽 𝙳𝙰𝚈 - 𝟸𝟶𝟸𝟷

प्राचीन समय से राजपूतों की भूमि कहलाए जाने वाले तथा स्वतंत्र भारत के राज्य के रूप में ‘राजस्थान राज्य’ का पूर्ण गठन 01 नवंबर, 1956 को हुआ था। यह दिवस इस राज्य के लोगों की वीरता, दृढ़ इच्छा शक्ति और अपनी भूमि के लिए किए गए बलिदान को याद करता है।

30 मार्च 1949 को राजपूताना की रियासतों का विलय करके राजस्थान की स्थापना की गई। इसमें अजमेर मेरवाडा को छोड़कर सभी रियासतों को देशी राजा चलाते थे। इसमें भरतपुर, जैसलमेर, जोधपुर, जयपुर, उदयपुर की रियासतें शामिल हुईं। हालांकि राजस्थान के एकीकरण की पूर्ण प्रक्रिया 1956 में पूरी हुई।

18 मार्च, 1948 से शुरू हुई राजस्थान के एकीकरण की प्रक्रिया कुल सात चरणों में 01 नवंबर, 1956 को पूरी हुई जिसमें भारत सरकार के तत्कालीन देशी रियासत और गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल व उनके सचिव वी॰ पी॰ मेनन की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही थी।

वर्तमान में क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का सबसे बड़ा राज्य राजस्थान आजादी से पहले राजपूताना (राजपूतों का स्थान) कहलाता था। इन रणबांकुरों ने कई सदियों तक इस क्षेत्र पर शासन किया था।

जनसंख्या : 6,85,48,437 (लगभग)

घनत्व : 200/किमी² (लगभग)

राजधानी : जयपुर (Jaipur)

क्षेत्रफल : 3,42,239 वर्ग किलोमीटर।

अंतर्राष्ट्रीय सीमा : यह राज्य पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के साथ अपनी सीमा साझा करता है।

राजस्थान राज्य के प्रतीक चिन्ह :

• राज्य पशु : घरेलू – ऊँट और गैर घरेलू – चिंकारा।
• राज्य पक्षी : “गोडावण”, जिसे सोन चिड़िया, हुकना, गुरायिन आदि नामों से भी जाना जाता है।
• राज्य फूल : रोहिड़ा।
• राज्य वृक्ष : खेजड़ी।

राजस्थान में रंगों का महत्त्व :

इस राज्य के लगभग सभी बड़े शहरों का किसी न किसी खास रंग से संबंध है, जैसे जयपुर का गुलाबी, उदयपुर का सफेद, जोधपुर का नीला और झालावाड़ का बैंगनी रंग से।

राजस्थान का इतिहास :

• राजस्थान का इतिहास प्रागैतिहासिक काल से शुरू होता है। ईसा पूर्व 3000 से 1000 के बीच सिंधु घाटी सभ्यता जैसी संस्कृति वाले इस राज्य पर सातवीं शताब्दी में चौहान राजपूतों का प्रभुत्व बढ़ने लगा तथा बारहवीं शताब्दी तक उन्होंने एक साम्राज्य स्थापित कर लिया था।

• चौहानों के बाद यहाँ का नेतृत्व मेवाड़ के गहलोतों ने संभाला। मेवाड़ के अलावा मारवाड़, जयपुर, बूँदी, कोटा, भरतपुर और अलवर ऐतिहासिक दृष्टि से प्रमुख रियासतें बनी।

• भव्य महलों, किलों, रंगों और उत्सवों का यह राज्य बालू के टीलों, रेगिस्तान और चट्टानों की मिलीजुली धरती है।

• राजस्थान राज्य स्वादिष्ट व्यंजनों, सुंदर लोक नृत्य व संगीत, शाही भव्यता, रॉयल्टी के लिए प्रसिद्ध होने के साथ ही अपने गाँवों की विविध लोक संस्कृति से दुनिया भर के पर्यटकों को आकर्षित करता है।


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