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वन्य-जीव-अभ्यारण्य-राजस्थान प्राकृतिक धरोहर के नाम से के | Rajasthan Police Exams

वन्य-जीव-अभ्यारण्य-राजस्थान


प्राकृतिक धरोहर के नाम से केवलादेव पक्षी अभ्यारण्य (भरतपुर) (Keoladeo Bird Sanctuary) को जाना जाता है ।

मानसी-वाकल तथा सोम नदीयों का उद्गम राज्य के उदयपुर जिले में स्थित फुलवारी की नाल अभ्यारण्य (Phulavari ki naal Abhyaarany) से होता है।

राष्ट्रीय जीवाश्म पाक्र जैसलमेर तथा बाडमेर जिले में फैला हुआ है ।

राजस्थान की प्रथम एवं क्षेत्रफल के अनुसार देश की सबसे छोटी बाघ परियोजना रणथम्भौर बाघ परियोजना (Ranthambore Tiger Project) है ।

राजस्थान में राष्ट्रीय उद्यान - 3, वन्य जीव अभ्यारण्य -26 एवं आखेट निषिद्ध क्षेत्र - 33 है ।

राजस्थान में टाईगर संरक्षण उद्यान 4 है ।

नोट :- दिनांक 09.01.2012 को मुकुन्दरा हिल्स नेशनल पार्क की अधिसुचना जारी की व दिनांक 11.04.2013 मुकुन्दार हिल्स टाईगर रिजर्व (Mukundar Hills Tiger Reserve) की अधिसूचना जारी की गई ।

राज्य की विश्नोई जाती मृग संरक्षण के लिये प्रसिद्ध है ।

राज्य के बीकानेर जिले के गजनेर अभ्यारण्य (Gajner Sanctuary) में बटवड़ पक्षी पाया जाता है, जिसे रेत का तीतर भी कहा जाता है ।

राज्य के कोटा जिले में स्थित चम्बल पार्क (Chambal Park) में पानी के साँप व घडियाल पाये जाते है |

राज्य के प्रतापगढ़ जिले में स्थित सीतामाता अभ्यारण्य (Sitamata Sanctuary) में उड़न गिलहरी व जहरीली छिपकली विशेष रूप से पाई जाती है ।

बन्दर व हरे कबुतर (हरियल) सर्वाधिक सरिस्का अभ्यारण्य (Sariska Reserve) अलवर में पाये जाते है । यह अभ्यारण्य राजा भर्तृहरी की तपस्या स्थली रहा है ।

रणथम्भौर अभ्यारण्य (Ranthambore Sanctuary) में सर्वाधिक धार्मिक स्थल स्थित है ।

तालछापर वन्य जीव अभ्यारण्य (Talchapar Wildlife Sanctuary) चुरू जिले में स्थित है, यह राज्य का दूसरा सबसे छोटा अभ्यारण्य है ।

जंगली मुर्गो के लिये राज्य का माउन्ट आबू अभ्यारण्य (Mount Abu Sanctuary) प्रसिद्ध है ।

कुरजा पक्षी की जन्मस्थली खिचन गाँव जोधपुर है ।

धामण, करण, अजन एवं भूर घास की किस्में है जो राष्ट्रीय मरूद्यान (National park)जैसलमेर में पायी जाती है ।

राज्य में गधों का प्रसिद्ध अभ्यारण्य डूडलोद (झुन्झुनूं) में है, जो ब्रिटेन की सहायता से स्थापित किया गया।

राज्य का प्रथम भालू अभ्यारण्य जालौर में सिरोही जिले में स्थित सुधमाता अभ्यारण्य (Sudhamata Sanctuary) है ।

ओराई तथा ब्राह्मणी नदीयों का उद्गम राज्य के चित्तौड़गढ़ जिले के बस्सी अभ्यारण्य (Bassi Reserve) से होता है ।

गोड़वण पक्षी की आश्रय स्थली सोरसेन बारां जिले में स्थित है ।

टाईगर मेन के नाम से विख्यात कैलाश सांखला का सम्बन्ध राज्य के जोधपुर जिले से है, ये भारत में बाघ परियोजना कार्यक्रम के निर्माता सूत्रधार और प्रथम अखिल भारतीय बाघ गणना (1973) के मुख्य संचालक थे । इनकी भारतीय बाघ पर लिखी गई प्रमुख पुस्तक है "टाईगर तथा रिर्टन ऑफ टाईगर" (Tiger and return of tiger) |

दुर्लभ काला गरुड़, बड़ा मच्छीखोरा एवं हरा हीरोन पक्षी राज्य के रणथम्भौर अभ्यारण्य में पाये जाते है ।

देश में सर्वाधिक मोर घनत्व राज्य के सरिस्का अभ्यारण्य का है ।

गागरोनी तोते राज्य के दर्रा अभ्यारण्य (Ranthambore Sanctuary) में पाये जाते है ।

राज्य के सांभर झील क्षेत्र को विश्व की नम भूमियों में सम्मिलित किया गया है । सांभर झील को पर्यटन के क्षेत्र में रामसर के नाम से जाना जाता है ।

क्षेत्रफल की दृष्टि से राज्य का सबसे बड़ा अभ्यारण्य जैसलमेर है । यह 1981 में स्थापित किया गया । इसका क्षेत्रफल 3162 वर्ग किलोमीटर है ।

सागवान वनों का एकमात्र अभ्यारण्य सीतामाता अभ्यारण्य (Sitamata Sanctuary) है ।