2050 तक पांच अरब लोग जल संकट से जूझेंगे
संयुक्त राष्ट्र। आने वाले समय में लोगों के सामने पानी की किल्लत भयंकर रूप लेगी। संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि 2050 तकपांच अरब से अधिक लोग जल संकट से जूझेंगे। विश्व मौसम विज्ञान संगठन की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2018 में पहले से ही 3.6 अरब लोगों को प्रति वर्ष एक माह तकपर्याप्त पानी नहीं मिल सका। डब्ल्यूएमओ प्रमुख पेटेरी तालास ने कहा कि हमें जल संकट के प्रति जागरूक होना होगा।
डब्लूएमओ ने कहा कि 20 वर्षों में भूमि में संग्रहित पानी के स्तर में प्रति वर्ष एक सेंटीमीटर की गिरावट आई है।
0.5 फीसदी पानी पीने योग्य : रिपोर्ट के मुताबिक जल संकट के बड़े प्रभाव हैं, क्योंकि पृथ्वी पर केवल 0.5 प्रतिशत पानी ही उपयोग करने योग्य है और ताजे पानी के रूप में उपलब्ध है। तालास ने कहा कि बढ़ते तापमान के कारण वैश्विक और क्षेत्रीय वर्षा में परिवर्तन हो रहा है। इससे वर्षा के पैटर्न और कृषि मौसम में बदलाव हो रहा है। खाद्य सुरक्षा इससे प्रभावित हुई है।
रिपोर्ट पर अगर नजर डालें तो बीते 20 वर्षों में पानी से संबंधित खतरे बढ़ गए हैं।