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भारतीय सेना को मिलेगी ताकत, अगले 4 साल में मिलेंगी 1,300 लड़ाक | UPSC Books English

भारतीय सेना को मिलेगी ताकत, अगले 4 साल में मिलेंगी 1,300 लड़ाकू गाड़ियां

रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को लेकर सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है. वाहनों को शामिल करने का काम चार साल में पूरा करने की योजना है. 


रक्षा मंत्रालय ने 22 मार्च 2021 को कहा कि उसने महिंद्रा डिफेंस सिस्टम्स लिमिटेड (एमडीएसएल) के साथ 1,056 करोड़ रुपये की लागत से भारतीय सेना के लिए 1,300 हल्के लड़ाकू वाहनों की खरीद के लिए एक अनुबंध को अंतिम रूप दे दिया है.

रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को लेकर सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है. वाहनों को शामिल करने का काम चार साल में पूरा करने की योजना है. मंत्रालय ने कहा कि रक्षा मंत्रालय ने ‘मेक इन इंडिया’ को और बढ़ावा देते हुए भारतीय सेना के लिए 1,300 हल्के विशेषज्ञ वाहनों की आपूर्ति के लिए एमडीएसएल के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए.

लाइट स्पेशलिस्ट व्हीकल क्या होता है?

लाइट स्पेशलिस्ट व्हीकल एक आधुनिक फाइटिंग व्हीकल है. ये वाहन मीडियम मशीन गन्स, ऑटोमैटिक ग्रेनेड लॉन्चर्स के साथ-साथ एंटी टैंक गाइडेड मिसाइलों से लैस होंगे. इसे सेना की विभिन्न फाइटिंग यूनिट्स को मुहैया कराया जाएगा.

लाइट स्पेशलिस्ट व्हीकल स्वदेश निर्मित है और इसे महिंद्रा डिफेंस सिस्टम लिमिटेड ने तैयार किया है. ये कॉम्बैट व्हीकल छोटे हथियारों के वार से निपटने में सक्षम है. यह सेना की छोटी टुकड़ियों के लिए मददगार साबित होगा जिन्हें युद्ध क्षेत्र में इनकी जरूरत होती है.

आत्मनिर्भर भारत अभियान की राह पर

यह रक्षा उद्योग की स्वदेशी विनिर्माण क्षमताओं को प्रदर्शित करने वाली एक प्रमुख परियोजना है. यह समझौता सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान और मेक इन इंडिया की पहल में एक और मील का पत्थर जोड़ेगी.

भारतीय सेना: एक नजर में

भारतीय थलसेना, सेना की भूमि-आधारित दल की शाखा है और यह भारतीय सशस्त्र बल का सबसे बड़ा अंग है. भारत का राष्ट्रपति, थलसेना का प्रधान सेनापति होता है और इसकी कमान भारतीय थल सेनाध्यक्ष के हाथों में होती है. भारतीय सेना का प्राथमिक उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा और राष्ट्रवाद की एकता सुनिश्चित करना, राष्ट्र को बाहरी आक्रमण और आंतरिक खतरों से बचाव, और अपनी सीमाओं पर शांति और सुरक्षा को बनाए रखना हैं.