🔥 Burn Fat Fast. Discover How! 💪

Share Link : Join Telegram/instagram channel Income Tax | GST AND INCOME TAX UPDATES (GST DOST)

Share Link :

Join Telegram/instagram channel

Income Tax & GST

GST DOST
https://t.me/vkgstdost


http://www.instgram.com/gst.dost


रिजर्व बैंक ने एकबार फिर पॉलिसी रेट में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया है। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज ऐलान किया कि रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। रेपो रेट पहले की तरह 4% पर बरकरार रहेगा। यह लगातार 11वीं बैठक है जिसमें RBI की मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। इसके साथ ही इकोनॉमी के लिए अकोमडेटिव रुख बनाए रखा है। हालांकि इस बार रिजर्व बैंक ने रिवर्स रेपो रेट 0.40% बढ़ा दिया है। अब रिवर्स रेपो रेट 3.75% है। पहले यह 3.35% थी।

RBI गवर्नर ने कहा कि सिस्टम में लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए रिवर्स रेपो रेट बढ़ाने का फैसला किया गया है। रेपो रेट वो दर है जिस पर बैंक RBI से कामकाज के लिए शॉर्ट टर्म फंड उधार लेते हैं। जबक रिवर्स रेपो रेट वह दर होती है जिसपर बैंक अपने कामकाज के बाद बचा हुआ फंड रिजर्व बैंक में जमा करते हैं।

इसके साथ ही RBI ने लिक्विडिटी एडजस्टमेंट फैसिलिटी (LAF) कॉरिडोर को बढ़ाकर 50 bps यानी 0.50% कर दिया है। अब यह कोरोनावायरस संक्रमण के पहले के लेवल पर पहुंच गया है। वहीं MSF रेट (मार्जिनल स्टैंडिंग फैसेलिटीज) पहले की तरह 4.25% पर बरकरार है।




रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में फिर कोई बदलाव नहीं किया, रेपो रेट 4% पर बरकरार

RBI Monetary Policy Live News: RBI की मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी की यह लगातार 11वीं बैठक है जिसमें RBI की मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है



फिस्कल ईयर 2023 की पहली मॉनेटरी पॉलिसी समीक्षा

रिजर्व बैंक ने एकबार फिर पॉलिसी रेट में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया है। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज ऐलान किया कि रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। रेपो रेट पहले की तरह 4% पर बरकरार रहेगा। यह लगातार 11वीं बैठक है जिसमें RBI की मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। इसके साथ ही इकोनॉमी के लिए अकोमडेटिव रुख बनाए रखा है। हालांकि इस बार रिजर्व बैंक ने रिवर्स रेपो रेट 0.40% बढ़ा दिया है। अब रिवर्स रेपो रेट 3.75% है। पहले यह 3.35% थी।

RBI गवर्नर ने कहा कि सिस्टम में लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए रिवर्स रेपो रेट बढ़ाने का फैसला किया गया है। रेपो रेट वो दर है जिस पर बैंक RBI से कामकाज के लिए शॉर्ट टर्म फंड उधार लेते हैं। जबक रिवर्स रेपो रेट वह दर होती है जिसपर बैंक अपने कामकाज के बाद बचा हुआ फंड रिजर्व बैंक में जमा करते हैं।

RBI Monetary Policy: FY 2022-23 में जीडीपी ग्रोथ 7.2% रहने का अनुमान : RBI Governor





इसके साथ ही RBI ने लिक्विडिटी एडजस्टमेंट फैसिलिटी (LAF) कॉरिडोर को बढ़ाकर 50 bps यानी 0.50% कर दिया है। अब यह कोरोनावायरस संक्रमण के पहले के लेवल पर पहुंच गया है। वहीं MSF रेट (मार्जिनल स्टैंडिंग फैसेलिटीज) पहले की तरह 4.25% पर बरकरार है।

CLOSE

मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी ने एकमत से ब्याज दरों में कोई बदलाव ना करने का फैसला किया है। कमिटी ने आखिरी बार रेट कट मई 2020 में किया गया था। कोरोनावायर संक्रमण के कारण फरवरी 2019 से लेकर मई 2020 तक RBI ने रेपो रेट में 2.50% की कटौती की थी। रेट घटाने से ग्रोथ को बढ़ावा मिलता है। जबकि रेट बढ़ाने से रिजर्व बैंक को महंगाई पर काबू पाने में मदद मिलती है। पिछले कुछ महीनों से महंगाई दर RBI के दायरे से बाहर है। ऐसे में इस बार एनालिस्ट्स को अनुमान था कि रिजर्व बैंक रेट बढ़ा सकता है।

RBI की पिछली 10 मीटिंग से मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी ने इंटरेस्ट रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। इसके साथ ही मॉनेटरी पॉलिसी पर अपना रूख अकोमडेटिव बना रखा है। पिछली बार 22 मई 2020 को रेपो रेट में बदलाव हुआ है। तब से रेपो रेट 4% के ऐतिहासिक लो लेवल पर बना हुआ है।

रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी हर दो महीने पर पॉलिसी रिव्यू मीटिंग करती है। फिस्कल ईयर 2023 की यह पहली रिव्यू मीटिंग है जो 6 अप्रैल को शुरू हुई थी। तीन दिन की बैठक के बाद रिजर्व बैंक ने रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में कोई बदलाव ना करने का फैसला किया है।

 

महंगाई RBI के कंट्रोल से बाहर