क्यों ढूँढ़ते हो मुझे किसी और की निगाहों में मैं तुम्हारे दिल में नहीं तो और कहीं भी नहीं क्यों ढूँढ़ते हो मुझे किसी गैर के जज़्बातों में मैं तुम्हारे अफ़सानों में नहीं तो और कहीं नहीं 𝙄𝙈𝙍𝘼𝙉—͟͟͞͞𖣘 1.3K views13:33