कैसे भुला दूँ मैं मुस्कुराहटों में समझदारी आपकी, मुझे तो मिल ज | 💞 Status And Shayari
कैसे भुला दूँ मैं मुस्कुराहटों में समझदारी आपकी,
मुझे तो मिल जाती है हर हर्फ़ में रुहदारी आपकी ।
अलग अलग हुए अपने ही कहानी से किस्सों से हम,
बांटी ना 'अक़िला' किसी से मोहब्बत की हिस्सेदारी आपकी ।
कहने को रहता बहुत कुछ मगर ख़ामोश रहती हूँ,
पता ना चला मुझे कब से लगी है बीमारी आपकी ।
कह ना पाई 'अक़िला' जुबां से मसला-ए-दिल अब तलक,
'अक़िला' की हर तमन्ना पर भारी है इश्क़-ए-ख़ुद्दारी आपकी ।
सितम मुझे मिले दिलशाद रहे चमन सदा आपका,
हर मौसम में गुल सी खिली रहे जिंदगानी आपकी ।
वरक पर आपकी इनायत से मिलता सुकूँ कितना,
मेरे उन्स के लिए कम नहीं है ये मेहरबानी आपकी ।
~अ𝐐𝐈ला