सँभल जाना कहाँ आदत हमारी, हमारी ठोकरें क़िस्मत हमारी । तुम्हार | 💞 Status And Shayari
सँभल जाना कहाँ आदत हमारी,
हमारी ठोकरें क़िस्मत हमारी ।
तुम्हारी रोशनी, सूरज तुम्हारा,
हमारी बेबसी, ज़ुल्मत हमारी ।
बहुत बेताब थे मरने को हम भी,
बहुत ख़ुद्दार थी उल्फ़त हमारी ।
चले जाओ अगर ज़िद पर अड़े हो,
मगर याद आएगी क़ुर्बत हमारी ।
कोई ख़्वाहिश अगर दिल में उठे तो,
परख लेना कभी चाहत हमारी ।
दिलों में दर्द बोना सीख जाए अक़िला,
अगर दिल छोड़ ही दे संगत हमारी ।
समंदर से किसी क़तरे ने बोला,
तुम्हारे पास है ताक़त हमारी ।
सितारों का हथेली में बसेरा,
तुम्हारे हाथ में दौलत हमारी ।
तुम्हारा शौक दिल से खेलना और,
तुम्हें ही चाहने की लत हमारी ।
~अ𝐐𝐈ला