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हालात बुरे थे मगर रखता था शहज़ादी बनाकर, हाँ हम गरीब थे ये सिर् | 💞 Status And Shayari

हालात बुरे थे मगर रखता था शहज़ादी बनाकर,
हाँ हम गरीब थे ये सिर्फ़ मेरा बाप जानता था ।

मीनारों को सलाम झोपड़ियों को बद्दुवाए देते,
लोग अजीब थे ये सिर्फ़ मेरा बाप जानता था ।

जब हालात देख रिश्तेदार छूटे थे हमारे भी हाय,
साय ही हबीब थे ये सिर्फ़ मेरा बाप ही जानता था ।

पसीने से धो लेता था कपड़े ख़ुद ही ख़ुद के वो,
निवाले रकीब थे ये सिर्फ़ मेरा बाप ही जानता था ।

दुनिया की नज़र में हक़ीर वजूद रखते थे हम अक़िला,
बच्चे उसके अंदलीब थे ये सिर्फ़ हमारा बाप ही जनता था ।
~अ𝐐𝐈ला
(फादर डे पे स्कूल के प्रोग्राम के लिए लिखा था सन 2010 में तब उस वक़्त के हालात ही कुछ ग़ज़ल जैसे ही थी हमारी )