Part 1 ' अअअ, अर्श, अर्श, अर्शअर्श, साहिबा, साहिबा कहॉं चली | 💞 Status And Shayari
Part 1
" अअअ, अर्श, अर्श, अर्शअर्श,
साहिबा, साहिबा कहॉं चली जा रही हो ? क्या हुआ, इतनी तेज़ क्यों चिल्ला रही हो, तुम ! तहरीम ने पूछा ।
मैं भाग रही थी ? तुमने मुझे चिल्लाते हुए सुना ? साहिबा ने हॉंफ्ते हुए तहरीम से पूछा तो तहरीम भी हैरान रह गई कि उसकी चंचल दोस्त को आज क्या हुआ है ?
तुम ठीक हो ना ? अरे, अब कहॉं जा रही हो ! साहिबा अस्पताल के अंदर जाने लगी तो तहरीम ने पूछा ।
वो किसी की फाइल सीनियर डॉ.जिया के कैबिन में रह गई थी तो बस उन्होनें ही मुझे फाइल देने के लिए भेजा था- साहिबा ने फाइल दिखाते हुए कहा ।
इस फाइल पर तो 'मोहम्मद फैशल' लिखा है पर तुम बार बार किसी अर्श का नाम ले रही थी ! तहरीम ने फाइल के ऊपर नाम पढ़ते हुए कहा ।
तुमने गलत सुना होगा । साहिबा ने सीढ़ियों पर चढ़ते हुए कहा ।
चलो, ये भी मान लिया ! पर तुम्हारी आवाज से साफ झलक रहा था कि तुम किसी खास इंसान को बुला रही हो, तुम बेसुध होकर अस्पताल की सीढ़ियों पर दौड़ी जा रही थी । पता है, तुम्हारी वजह से एक बूढ़े अंकल तो बाल-बाल सीढ़ियों पर से गिरने से बचे । तहरीम ने साहिबा का हाथ पकड़ते हुए कहा तो साहिबा ने उसका हाथ झटका, और अपने कैबिन में चली गई ।
थोड़ी देर बाद,
अस्पताल की कैंटिन में...!
अच्छा तो साहिबा जी कैंटिन में चुपचाप, बिरयानी खाने में मशगूल हैं और इधर हम है कि तुम्हें ढूँढ़ने के चक्कर में पूरे अस्पताल का टूर लगाकर अपना एक किलो वजन घटा चुके है । तहरीम ने साहिबा के पास बैठते हुए कहा ।
तो क्या हुआ, तू कौन सी सूखकर पतला डंडा बन गई, मोटी । साहिबा ने कहा ।
जो कहना है, कह ले । जितना चिड़ाना है, चिड़ा ले। पर ऐसा करके तू बच नहीं पाएगी, मेरे सवालों से । आख़िरकार मैं दिमागी मरीजों की डॉक्टर हूँ, मरीजों के दिमाग और दिल से अच्छे से खेलना आता है, मुझे और फिलहाल मुझे ऐसा लग रहा है, मेरी दोस्त को ही मेरी मदद की जरुरत है। तहरीम ने हँसते हुए कहा तो साहिबा गुस्सा हो गई और उठकर जाने लगी ।
ये जो चुप्पी का रोजा है ना तुम्हारा..! मैं उसे तुड़वाकर मानूँगी । तहरीम उठी और बिना कुछ खाये ही कैंटिन से चली गयी ।
~अ𝐐𝐈ला
To Be Continue..
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