नाज़ हम उठाएं बेतकल्लुफ़ किसी और से रहो, जाओ साहिब ये इश्क़ के किस्से अब किसी और से कहो । ~अ𝐐𝐈ला अɴसाʀ𝗶 155 viewsअ𝗾𝗶ला अɴसाʀ𝗶, 18:07