लगनेसे उसकी पूर्तिके लिये श्रीसेठजीके पश्चात् श्रीभाईजीके पराम | श्रीसेठजी - Shri Sethji - Shri Jaydayal Goyandkaji
लगनेसे उसकी पूर्तिके लिये श्रीसेठजीके पश्चात् श्रीभाईजीके परामर्शसे हाथके बुने कपड़ोंका व्यापार खोला गया। इनके विलक्षण व्यक्तित्वसे आकर्षित होकर कई निस्पृह एवं कर्मठ व्यक्ति गीताप्रेसमें सेवा-भावनासे आ गये थे। श्रीघनश्यामदासजी जालान तो आजीवन निष्ठापूर्वक कार्य सँभालते रहे। इनके अतिरिक्त मुख्य थे श्रीसुखदेवजी अग्रवाल, श्रीगंगाप्रसादजी अग्रवाल तथा श्रीशम्भुनाथजी चतुर्वेदी।
पुस्तक *श्रीभाईजी–– एक अलौकिक विभूति* गीता वाटिका प्रकाशन
Ram. Teachings and Preachings of Shri Jaydayalji Goyandaka - the Founder of Govind Bhavan Karyalaya, the Mother institution of Gita Press, Gorakhpur. राम। श्री जयदयाल ग�...