।।श्रीहरि:।। जिस आदमी को *बिल्कुल चेत नहीं* रहे, उसके आगे भी *भगवान के नाम का उच्चारण करने से वह भी उत्तम लोक में चला जाता है।* अमृत वचन पुस्तक से पृष्ठ 100 गीताप्रेस गोरखपुर *परम श्रद्धेय श्री जयदयाल गोयन्दका सेठ (श्रेष्ठ)जी* नारायण! नारायण! नारायण !नारायण! 244 views03:13