किसे पता है कब तलक फरिश्ते मुकर्रर है यहां, आज हूँ कल क्या पता | 💞 Status And Shayari
किसे पता है कब तलक फरिश्ते मुकर्रर है यहां,
आज हूँ कल क्या पता ना रहूं आपके दर्मियां ।
खून पसीने एक करके लोग बनाते है आलीशान आशियां,
क्या उन्हें पता नहीं सब को छोड़ के जाना है ये हसीन जहां ।
अधमरा हो जाते है लोग जब धूप बढ़ा देती है गर्मियां,
फिर संभालते क्यूं नहीं इससे भी तेज तपिश है वहां ।
कुदरत की आजमाइश है ये आने वाली बेहिसाब परेशानियां,
फिर बाज आते क्यूं नहीं करते है अपनी मनमर्जियां ।
ये दुनिया ऐसी ही रहेगी अब से सदियां हम हमेशा नहीं है यहां,
लोग समझते क्यूं नहीं 'अक़िला' करते ही जा रहे है गुस्ताखियां ।
~अ𝐐𝐈ला