2022-05-19 21:25:17
मैं अपने जज़्बात दफ़न कर दूंगी,
तुम मेरी खामोशियों को समझ जाओगे न ।
मैं तुम तक हर बढ़ते कदम को रोकूंगी,
तुम मेरी बेबसीयों को समझ जाओगे न ।
मैं हर बार चाहत से इंकार करूंगी,
तुम मेरे दिल के हालात समझ जाओगे न ।
मैं तुम्हे खुद से दूर जाने को कहूंगी,
तुम मेरी मजबूरियों को समझ जाओगे न ।
मैं तुम्हे खुद से दूर जाने को कहूंगी,
तुम मेरी मजबूरियों को समझ जाओगे न ।
तुम पूछोगे इश्क़ है ? मैं पलकें झुका दूंगी,
तुम मेरी ना में उलझी हां समझ जाओगे न ।
मैं ठहर जाऊंगी अपने दायरों में हर बार,
तुम मेरी इन बेचैनियों को समझ जाओगे न ।
मैं इन्कार करूंगी तुम्हारे हर जज़्बात से,
तुम धड़कनों के इकरार को समझ जाओगे न ।
मैं चुपके से देखूंगी हर ख़्वाब तुम्हारा,
तुम मेरी बेरौनक हक़ीक़त समझ जाओगे न ।
मैं मुझ तक का हर रास्ता बंद कर दूंगी,
तुम मेरे इकतरफा इंतजार को समझ जाओगे न ।
अक़िला बंद कर लेगी आंखे किसी और की होकर,
तुम कहीं किसी और में थोड़ा सा मेरे रह जाओगे न ।
~अ𝐐𝐈ला
50 viewsअ𝐐𝐈ला अɴसाʀɪ, 18:25