2022-08-18 12:25:24
श्री कृष्ण पूजन (२)
--------------------गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः ।
गुरुः साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः ॥
मूकं करोति वाचालं पंगुं लंघयते गिरिं ।
यत् कृपा तमहं वन्दे परमानन्द माधवम् ॥
गुरु चित्र पर पुष्प से जल छिड़ककर उसे स्वच्छ वस्त्र से पोंछ दें तत्पश्चात पुष्प, धूप, दीप, अक्षत कुंकुम आदि से गुरु का पूजन करें तथा निम्न मंत्र का मानसिक जप करते हुये अपने गुरु से प्रार्थना करें कि वे पूजन में सूक्ष्म रूप से उपस्थित रहकर पूजन को पूर्णता प्रदान करें-
ॐ परम तत्वाय नारायणाय गुरुभ्यो नमः । दोनों हाथ जोड़कर पूर्ण श्रद्धाभाव से भगवान श्रीकृष्ण का ध्यान करें निम्र मंत्र का उच्चारण करें
बर्हापीडं नटवर वपुः कर्णयोः कर्णिकारं, विभवासा कनक कपिशं वैजयंती च मालां ।
रुधान वेणूरधरसुदया पूरयन गोपवृन्दैः, वृन्दारण्यं स्वपदरमणं प्रविशद् गीतकीर्तिः ॥ (ध्यानं समर्पयामि श्रीकृष्णाय नमः)
आसनदोनों हाथ में पुष्प लेकर भगवान श्रीकृष्ण को आसन दें। निम्र मंत्र का उच्चारण करें
ॐ पुरुष एवेदं (गूं) यद्भूतं यच्च भाव्यम् ।
उतामृतत्वस्येशानो यदन्नेनातिरोहति ॥ (पुष्पासनं समर्पयामि)
पाद्य आचमनी में जल लेकर भगवान श्रीकृष्ण के चरणों में दो बार अर्पित करें निम्न मंत्र का उच्चारण करें
ॐ एतावानस्य महिमातो ज्यायंश्च पुरुषः ।
पादोऽस्य विश्व भूतानि त्रिपादस्यामृतन्दित् ।।(पाद्यं समर्पयामि)
अर्ध्य ताम्र पात्र में जल, कुंकुम, चंदन, अक्षत व पुष्प लेकर भगवान श्रीकृष्ण को अर्पित करें
ताम्रपात्रे स्थितं तोयं गंध पुष्प फलान्वितम् ।
सहिरण्यं ददाम्यर्ध्य गृहाण परमेश्वर ॥ (अर्ध्यं समर्पयामि)
आचमन आचमनी में जल लेकर भगवान को अर्पित करें
सर्व तीर्थ समानीतं सुगन्धिं निर्मलं जलं ।
आचमनार्थं मया दन्तं गृहाण परमेश्वर ॥
स्नान पुष्प से जल लेकर भगवान श्रीकृष्ण को स्नान करायें-
गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती ।
नर्मदे सिन्धु कावेरी जलेऽस्मिन सन्निधिं कुरु॥
(स्त्रानंसमर्पयामि)
दुग्ध भगवान श्री गणेश की प्रतिमा के समक्ष एक पात्र रखकर निम्न मंत्र का उच्चारण करते हुए पात्र में दुग्ध अर्पित करें
कामधेनु समुद्भूतं सर्वेषां जीवनं परम् ।
पावनं यज्ञहेतुश्च पयः स्नानार्थमर्पितम् ॥(दुग्ध स्नानं समर्पयामि)
दधि निम्न मंत्र का उच्चारण करते हुये चित्र के समक्ष रखे पात्र में दही अर्पित करें
पयसस्तु समुद्भुतं मधुराम्लं शशिप्रभम् ।
दध्यानीतं मयादेव स्नानार्थं प्रतिगृहताम् ॥
(दधि स्नानं समर्पयामि)
घृत निम्न मंत्र का उच्चारण करते हुये भगवान श्रीकृष्ण को घी अर्पित करें
नवनीत समुत्पन्नं सर्व संतोषकारकम् ।
घृतं तुभ्यं प्रदास्यामि स्नानार्थं प्रतिगृह्यताम् ॥
(घृत स्नानं समर्पयामि)
मधु निम्न मंत्र का उच्चारण करते हुये भगवान श्रीकृष्ण को शहद (मधु) से स्नान करायें
तरुपुष्प समुद्भूतं सुस्वादु मधुरं मधु ।
तेजः पुष्टिकरं दिव्यं स्नानार्थं प्रतिगृह्यताम् ।।
(मधु स्नानं समर्पयामि)
शर्करा स्नान अब भगवान श्रीकृष्ण को शक्कर से स्नान करायें निम्न मंत्र का उच्चारण करें
इक्षुसार समुद्भूता शर्करा पुष्टिकारिका, मलापहारिका दिव्या स्नानार्थं प्रतिगृह्यताम् । (शर्करा स्नानं समर्पयामि)
शुद्धोदक स्नान शर्करा स्नान के पश्चात आचमनी में जल लेकर स्नान हेतु पात्र में अर्पित करें निम्न मंत्र का उच्चारण करें
कावेरी नर्मदावेणी तुंगभद्रा सरस्वती गंगा च यमुना तोयं मया स्नानार्थमर्पितम् । (शुद्धोदक स्नानं समर्पयामि)
वस्त्रोपवस्त्र भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा को स्वच्छ वस्त्र से पोंछकर निम्न मंत्र का उच्चारण करते हुये दो वस्त्र अर्पित करें
सर्वभूषादिके सौम्ये लोक लज्जा निवारणे, मयोपपादिते तुभ्यं वाससी प्रतिगृह्यताम् । (वस्त्रोपवस्त्रं समर्पयामि)
तिलक निम्न मंत्र का उच्चारण करते हुये चंदन कुंकुम से भगवान श्रीकृष्ण का तिलक करें
श्रीखण्ड चन्दनं दित्यं गंधाढ्यं सुमनोहरम् ।
विलेपन सुरश्रेष्ठ चन्दनम् प्रतिगृह्यताम् ।
अक्षत निम्न मंत्र का उच्चारण करते हुये भगवान श्रीकृष्ण को अक्षत अर्पित करें
अक्षताश्च सुरश्रेष्ठ कुंकुमाक्ता सुशोभिता, मया निवेदिता भक्त्या गृहाण परमेश्वर । (अक्षतान् समर्पयामि)
पुष्प अब हाथ में नाना प्रकार के पुष्प लेकर निम्न मंत्रों का उच्चारण करते हुये भगवान को पुष्प अर्पित करें
पद्म शंखज पुष्पादि शत पत्रैविचित्रताम् ।
पुष्पमालां प्रयच्छामि गृहाण परमेश्वरः ॥ (पुष्पं समर्पयामि)
तुलसीदल अब तुलसी पत्रों पर चन्दन लगाकर भगवान श्रीकृष्ण को अर्पित करें निम्र मंत्रोच्चार करें
इदं सचन्दनं तुलसीदलं समर्पयामि नमः।
(क्रमशः)
@Sanatan
1.2K views𝑺𝒂𝒕𝒚𝒂𝒎 𝒏𝒊𝒌𝒉𝒊𝒍 , edited 09:25