Get Mystery Box with random crypto!

💞 Status And Shayari

Logo of telegram channel status_lover — 💞 Status And Shayari S
Logo of telegram channel status_lover — 💞 Status And Shayari
Channel address: @status_lover
Categories: Uncategorized
Language: English
Subscribers: 5.52K
Description from channel

👇💖👇💖👇
Thanks For, Joining 'Status And Shayari'

Ratings & Reviews

2.50

2 reviews

Reviews can be left only by registered users. All reviews are moderated by admins.

5 stars

0

4 stars

1

3 stars

0

2 stars

0

1 stars

1


The latest Messages 8

2022-06-19 13:53:49 ख़ुदा गवाह है इससे बड़ी सजा ही नहीं,
तुम मेरे सामने रहते हो मेरे पास नहीं ।

बहुत नादान है यह दिल मचल ही जाता है,
दुआओ में तेरे सिवा कुछ मांगा ही नहीं ।

तुमको ही सुनती रहूँ कुछ ना कहूँ चुप ही रहूँ,
किसी भी सूरत में इश्क़ में आराम नहीं ।

कुछ नहीं चाहिए अब तुझसे मेरी उम्र-ए-रंवा,
धड़कनों को मेरे बस अब और कोई मलाल नहीं ।
~अ𝐐𝐈ला अɴसाʀ𝗶
72 viewsअ𝗾𝗶ला अɴसाʀ𝗶, 10:53
Open / Comment
2022-06-19 13:50:10 सुहाग की चादर उतरते ही,
जिम्मेदारी की चादर ओढ़ लेती है,
बीती यादों के सहारे अकेलेपन को ढोती है ।
कुछ औरतें ऐसी भी होती हैं ।

न रोने के लिए कंधा,
ना ही खुशियों के लिए कोई बाहें,
कुछ पड़ गया है आंख में कह कर,
आंसुओं को छुपाती हैं ।
कुछ औरतें ऐसी भी होती हैं ।

दिल के गहरे घाव पर नमक रखकर,
आंखों में रेत भर लेती है ।
मर के भी जाने वाले की विरासत को सीचती है ।
कुछ औरतें ऐसी भी होती है।

खुद बेड़ियों में जकड़ी,
अपनी संतति के लिए रूढ़ियों को तोड़ती है ।
परंपराओं के कुछ नुकीले कांटों से,
लहूलुहान उंगली से नए सपने बुनती हैं ।
कुछ औरते ऐसी भी होती हैं ।
~अ𝐐𝐈ला अɴसाʀ𝗶
77 viewsअ𝗾𝗶ला अɴसाʀ𝗶, 10:50
Open / Comment
2022-06-19 00:30:36 रात की पेशानी पर भी कोई घाव है गहरा शायद,
मेरी आंखों की तरह रीसता है वो भी सुबह होने तक ।
~अ𝐐𝐈ला अɴसाʀ𝗶
205 viewsअ𝗾𝗶ला अɴसाʀ𝗶, 21:30
Open / Comment
2022-06-19 00:27:42 अकेले तुम ही नहीं जागे हो हिज्र की रातों में,
मेरे कई रतजगों का भी कुछ हिसाब बाकी है ।

तुम्हारे दीद की उम्मीद में कटी जो जागकर रातें,
मेरे उन बिस्तर के सलवटों का जवाब बाकी है ।

जो कहना था न कह पाए जो सुनना था न सुन पाए,
उन सारी अनकही बातों का मलाल बाकी है ।

मेरी हर अनकही बातें तुझे महसूस हो जाए,
वहाँ मायूस जो बैठो तुम तो यहाँ आँखे छलक जाए ।
ऐसी रूह वाली इश्क़ का अभी आगाज बाकी है ।
~अ𝐐𝐈ला अɴसाʀ𝗶
189 viewsअ𝗾𝗶ला अɴसाʀ𝗶, 21:27
Open / Comment
2022-06-19 00:22:34 दिल अपना पराया लगने लगे,
इस कदर अच्छा ना कोई लगने लगे ।

खुद से ही बात यह छुपाती हूँ,
कहीं इसकी उसे खबर ना लगे ।

ना वह दोस्त है ना ही दुश्मन है,
फिर भी दिल का करार लगने लगे ।

छुप के देखा करे हैं दुनिया से मुझे,
डर है उसको मेरी कहीं नजर ना लगे ।
~अ𝐐𝐈ला अɴसाʀ𝗶
183 viewsअ𝗾𝗶ला अɴसाʀ𝗶, 21:22
Open / Comment
2022-06-18 21:20:13 दर्द की तुरपाई मुमकिन ही नहीं फिर छुपाए कैसे,
झूठी मुस्कान का पैबंद लगाएं कैसे ।

रिश्तों के लाल पीली हरी नीली रंग सभी,
फीके है पड़ गए अब ख़्वाब सजाएं कैसे ।

वो जो कहते हैं कि जिंदा हो तो जीना होगा,
उनको इस दर्द का एहसास कराएं कैसे ।

हक़ीक़त और है और दिल कुछ और कहता है,
वक्त की चाल से अब खुद को बचाएं कैसे ।
~अ𝐐𝐈ला अɴसाʀ𝗶
168 viewsअ𝗾𝗶ला अɴसाʀ𝗶, 18:20
Open / Comment
2022-06-18 21:14:40 पूछना मत कि हमने क्या देखा,
खुली निगाहो से एक सपना देखा ।

आईना हमसे था ख़फ़ा ख़फ़ा सा,
बाद मुद्दत जो आईना देखा ।

अर्से बाद नजर आए जो वो,
सांस को चढ़ते उतरते देखा ।

उम्र भर जिससे जुदा होने से डरता था ये दिल,
मेरी तकदीर में उसको ही लिखा सा देखा ।
~अ𝐐𝐈ला अɴसाʀ𝗶
153 viewsअ𝗾𝗶ला अɴसाʀ𝗶, 18:14
Open / Comment
2022-06-18 21:07:09 नाज़ हम उठाएं बेतकल्लुफ़ किसी और से रहो,
जाओ साहिब ये इश्क़ के किस्से अब किसी और से कहो ।
~अ𝐐𝐈ला अɴसाʀ𝗶
155 viewsअ𝗾𝗶ला अɴसाʀ𝗶, 18:07
Open / Comment
2022-06-18 10:21:08 चलो माना आपको ये रास नहीं आई,
सेना के शूरवीरों की नई नीति जो बनाई है ।

पर ये कैसा आपका राष्ट्र के प्रति समर्पण ?
जो आपने खुद के ही राष्ट्र में उपद्रव की आग लगाई है ।

राष्ट्रहित ही सदा सर्वदा सर्वोपरि,
इससे ना कभी कोई समझौता हो,
जब मिले अवसर राष्ट्र की आन में मिटने का,
तो बिना शर्त हमारा सीना फक्र से चौड़ा हो ।

जय जवान, जय किसान
जय हिन्द, जय भारत


भाईयों,
इस रचना के माध्यम से मैं बस कुछ विचारणीय तथ्य आपसे साझा करने का प्रयास कर रही हूँ । माना कि एक सशक्त समाज और राष्ट्र निर्माण में यथोचित बहस का भी समान स्थान होता है, नीतियां विचारों के मंथन से ही अवतरित हों तो दूरगामी परिणाम देती हैं, साथ ही हम सभी नागरिकों का इस राष्ट्र को शिरोमणि बनाने का समान उत्तरदायित्व भी है, पर मेरा मेरे राष्ट्र के होनहार युवाओं/भाईयों से सिर्फ इतना ही निवेदन है, कि जिन युवाओं के ही कंधे पर इस राष्ट्र को आगे ले जाने का उत्तरदायित्व सबसे अधिक हो वो कोई भी निर्णय क्या ऐसी उत्तेजना के साथ आक्रोशित होकर लेने लगे तो सोचिए भाईयों हम किस दिशा में अग्रसर हो रहे हैं ?

एक सशक्त राष्ट्र के रूप में तथा सभ्य,सहनशील, विचारोन्मुख, शिक्षित, एवम विश्व में जिस उदाहरण के रूप में हम जाने जाते हैं, क्या ऐसी ओछी हरकत हमें शोभा देती है ? हमें अगर पुनः भारतवर्ष को विश्वगुरु बनाना है तो हमें अपने आचरण में सुधार की सख्त जरूरत है, ऐसे उत्तेजित होकर राष्ट्र की ही संपति को नुकसान पहुंचाकर हम पूरे विश्व को एवं देश विरोधी ताकतों को बहुत गलत संदेश दे रहे हैं ।
मेरा इस लेखन के माध्यम से ये बिल्कुल मतलब नहीं है, कि मैं अपने कोई विचार आप पर थोपने का कोई प्रयास कर रही हूँ, ना ही कोई इरादा है मेरा, आखिर एक एक स्वस्थ लोकतांत्रिक प्रणाली का हम सभी हिस्सा हैं, जहां हम सभी को अपने विचारों को व्यक्त करने का अधिकार हमें हमारा संविधान देता है, परंतु उसके क्रियान्वयन का जिम्मा हमारा ही है, जितनी सभ्यता हम दिखा सकें वो हमारे लिए एवम राष्ट्र और समाज सभी के लिए हितकारी होगा ।

अंत में इसी विचार के साथ आपके नैतिक मूल्यों और समझदारी पर विश्वास करते हुए सिर्फ आपके विचार के लिए अपनी अभिव्यक्ति को सुपुर्द करती हूँ ।

आप जो भी सोचें या करें राष्ट्रहित को ध्यान में रखकर ही करें, इतनी सी ही विनती है

धन्यवाद :
~अ𝐐𝐈ला अɴसाʀ𝗶
273 viewsअ𝗾𝗶ला अɴसाʀ𝗶, 07:21
Open / Comment
2022-06-17 14:24:32 ज़िंदगी इन दिनों से शर्मसार बहुत हैं,
इस दौर में क़ातिलों के तरफ़दार बहुत हैं ।

वफ़ा सिसकती सिमटती बैठी दम तोड़ रही है,
बेवफाओं के यहां तलबगार बहुत हैं ।

शर्म किया तो कौड़ियों में बेच दिए जाओगे,
बेशर्मों कि दुनिया में भरमार बहुत है ।

नित नए नकाब में छुपाए फिरते हैं चेहरे,
पहचाने कोई कैसे इनके वफ़ादार बहुत हैं ।

जिनके किस्सों से भरा रहता है अखबार इन दिनों,
सुन अक़िला सफेदपोश यह मन के दागदार बहुत हैं ।
~अ𝐐𝐈ला
(अल्लाह हाफिज, खुश रहो सेहतमंद रहो )
345 viewsअ𝗾𝗶ला अɴसाʀ𝗶, 11:24
Open / Comment